वैदिक मंत्र लिस्ट 

Hello दोस्तों हमारे दैनिक जीवन में बहुत सारे ऐसी समस्या आती है, जिसमें हम पूरी तरह से टूट जाते हैं हमें कुछ समझ नहीं आता की हमें अब क्या करना चाहिए। दोस्तों जब हमारा मन गलत चीजों की तरफ जाए तो हमें कुछ मित्रों का जाप करना आवश्यक है तो आज मैं आपको कुछ मंत्र के बारे में बताने वाला हूं। दोस्तों मैं आपको वैदिक मंत्र लिस्ट दूंगा जिसमें सारे मंत्र होंगे,और कौन से Mantra का क्या लाभ है वह सब मैं आपको step by step बताऊंगा ।

वैदिक मंत्र लिस्ट 

वैदिक मंत्र लिस्ट की कुछ विशेषताएं

दोस्तों वैदिक मंत्र हमारे जीवन में बहुत ही उपकार साबित होता है। इसमें मैं आपको जो जो भी मंत्र बताने वाला हूं वह सारे आपके जीवन में बदलाव लाने का काम करेंगे। मैं आपको नीचे वैदिक मंत्र लिस्ट दे रहा हूं हर एक मंत्र के बारे में मैं आपको बताऊंगा और उसके अर्थ सहित उसके गुणों एवं नियम को भी बताऊंगा। तो दोस्तों चलिए मैं आपको step by step हर एक मंत्र को बता देता हूं।

गायत्री मंत्र

तो दोस्तों गायत्री मंत्र कुछ इस प्रकार है:

ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं  भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात 

अर्थ : दोस्तों इसमें (ॐ भूर् भुवः स्वः) का अर्थ पृथ्वी अंतरिक्ष और स्वर्ग का प्रतीक माना जाता है। (तत् सवितुर्वरेण्यं )  यह शब्द स्वयं सूर्य देवता के प्रतिक को माना जाता है। (भर्गो देवस्य धीमहि) हम दिव्य ज्योति का ध्यान करते हैं, जिसका तात्पर्य है उस अलौकिक प्रकाश और ज्ञान के स्वरूप का आह्वान करना, जो हमारे जीवन को मार्गदर्शित करने, अज्ञानता के अंधकार को समाप्त करने और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरने में सहायक होता है। अंत में (धियो यो नः प्रचोदयात) इसका अर्थ इसका अर्थ है कि ईश्वर जब हमारे बुद्धि को देख तो वह हमारे बुद्धि को ज्ञान और ज्योतिष की ओर ले जाए जिससे हमें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो और परमात्मा का आशीर्वाद बना रहे। 

दोस्तों गायत्री मंत्र से इंसान का चिंतन पवित्र होता है, .भक्ति और आध्यात्मिक की ओर अग्रसर होता है जिससे इंसान धीरे-धीरे अध्यात्म जीवन में आ जाता है और धीरे-धीरे अपने मन के कु चिंतन को खत्म कर देता है। इस तरह इंसान परमात्मा से प्रेम करना आरंभ कर देता है।

महामृत्युंजय मंत्र इन हिंदी

अर्थ : दोस्तों इस मंत्र का अर्थ यहॉ कि हम उस शिव कि प्राथना कर रहे है जो तीन आँख वाले हो और सुगंधित हो एवं सभी अपना पापना मानकर पुष्टि आहार देते हो। हम भगवन शिव से यह भी प्राथना करते है कि हमें इस जरूर जगत के माया से मुक्त करें एवं  हमें आशीर्वाद दे कि हम अपने मार्गदर्शक खुद बने और परमात्मा की सेवा कर पाए ।

पूर्णाहुति मंत्र

ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते

  • ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं :  यह (सृष्टि) पूर्ण है और वह (परमात्मा) भी पूर्ण है।
  • पूर्णात्पूर्णमुदच्यते     :  पूर्ण से पूर्ण की उत्पत्ति होती है।
  • पूर्णस्य पूर्णमादाय    : यदि पूर्ण से पूर्ण को ले लिया जाए,
  • पूर्णमेल विसिस्यते    तो शेष भी पूर्ण ही रहता है।

अर्थ :  इस मंत्र का मूल अर्थ यह है कि हवन देने के बाद व्यक्ति पूर्णाहुति देते समय इस मंत्र का उच्चारण करता है। इस मंत्र का उच्चारण करने के बाद हम फिर आरती करते है। अंतत यह मंत्र यह समझाता है कि ईश्वर या ब्रह्मांड की सृष्टि में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है, क्योंकि पूर्णता ही उसका मूल स्वभाव है। हवन के समापन पर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए, हम भगवान के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हैं और यह स्वीकार करते हैं कि हमारा यज्ञ उनकी कृपा से ही संपन्न हुआ है।

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स्वस्तिक मंत्र

ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्ताक्षर्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु।

  • ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः :   भगवान इंद्र, जिनकी महिमा अनंत है, हमें शुभता प्रदान करें।
  • स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः      :   पूषा देव, जो संसार के ज्ञाता हैं, हमारा कल्याण करें।
  • स्वस्ति नस्ताक्षर्यो अरिष्टनेमिः : अरिष्टनेमि, जो बाधाओं को दूर करते हैं, हमें सुख-शांति प्रदान करें।
  • स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु      :  बृहस्पति देव, जो ज्ञान और बुद्धि के स्वामी हैं, हमें शुभता और आशीर्वाद प्रदान करें।

अर्थ : दोस्तों यह मंत्र हमें ईश्वर से यह प्रार्थना करने की प्रेरणा देता है कि वे हमें सभी प्रकार के संकटों से बचाएं और हमें जीवन में शुभता, समृद्धि और शांति प्रदान करें। यह मंत्र जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और अच्छे भाग्य को आमंत्रित करने का प्रतीक है।

शिव वैदिक मंत्र

ॐ नमः शिवाय

  • ॐ (ओम्)  : दोस्तों ॐ ब्रह्मांड का एक मूल धवनि है ।
  •   नमः        : दोस्तों नम: का अर्थ है भवगवान शिव को नमन करना।
  • शिवाय:     : इसका अर्थ है “भगवान शिव को,” जो कल्याणकारी, शुभ, और मुक्ति के दाता हैं।

अर्थ : ॐ नमः शिवाय मात्र एक मंत्र नहीं, बल्कि शिव की शक्ति और उनके प्रति पूर्ण समर्पण का प्रतीक है। इस मंत्र का नियमित जाप जीवन में सकारात्मकता और दिव्य कृपा को आमंत्रित करने में सहायक होता है।

Kubera Mantras

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
  धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।

अर्थ : कुबेर मंत्र भगवान कुबेर को समर्पित होते हैं, जिन्हें धन, समृद्धि और संपत्ति का देवता माना जाता है। इन मंत्रों का जाप धन-धान्य, सुख-शांति और आर्थिक स्थिरता के लिए किया जाता है। कुबेर मंत्रों का उच्चारण श्रद्धा और एकाग्रता के साथ करना अत्यंत लाभकारी होता है।

Hanuman Mantras

ॐ श्री हनुमंते नमः

अर्थ : मैं भगवान हनुमान को नमन करता हूँ और उनकी शरण में जाता हूँ। अन्तः इस मंत्र का अर्थ भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। इसे नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, साहस, और संकटों से मुक्ति मिलती है। यह साधारण और शक्तिशाली मंत्र भक्त और भगवान के बीच भक्ति का गहरा संबंध स्थापित करता है।

निष्कर्ष : तो दोस्तों मैं आपको सबसे महत्वपूर्ण वैदिक मंत्र लिस्ट के बारे में बता दिया हूं मैं आपके ऊपर स्टेप बाय स्टेप एक के बाद एक वैदिक मंत्र के बारे में बता दिया हूं दोस्तों आप इन्हीं सारे मंत्र को सीख सकते हो अपने जीवन में उपयोग कर सकते हो। इसके अलावा भी और भी अनेकों मंत्र हैं जिसे आप जाप कर सकते हो। मैंने और भी मंत्र के बारे में बता रखा है आप चाहे तो उसे भी Check Out कर सकते हो। दोस्तों मेरा यह लेख अच्छा लगा हो तो आप मुझे Flow  कर सकते हो मैं ऐसी ही अच्छी-अच्छी अध्यात्म के बारे में बताता रहता हूं।

 

 

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