Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane In Hindi

दोस्तों आज कल एक मंत्र है जो की बहुत ही प्रसिद्ध हो रहा लोग इसे अपने दिनचर्या में शामिल कर चुके है, तो दोस्तों क्या आपको इस मंत्र के बारे पता है अगर नहीं पता है आज में आपको इस मंत्र के बारे बताने वाला हु। दोस्तों ये श्री कृष्ण का मंत्र है जो की बहुत आज के कलयुग में बहुत ही शक्तिशाली है। दोस्तों में आपको Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane In Hindi में बताने  वाला हु। तो दोस्तों चलिए में आपको इस मंत्र को Step By Step बता देता हु।

Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane In Hindi

तो दोस्तों यह मंत्र कुछ इस प्रकार है !

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने  !

प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः !!

Meaning Of Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane In Hindi 

  • ॐ कृष्णाय वासुदेवाय: – दोस्तों ॐ ईश्वर का प्रतिक होता है और कृष्णाय का अर्थ श्री कृष्ण को सम्बोदित करना। इसी प्रकार दोस्तों वासुदेवाय का अर्थ भगवन कृष्ण वासुदेवाय का पुत्र उनके पहचान को दर्शाता है। इसमें हम भगवन कृष्ण को नमन करते है जो वासुदेवाय का पुत्र है।
  • हरये परमात्मने – दोस्तों  हरये भगवन विष्णु या उनके भगवन कृष्ण को दर्शाता है जो इस जगत के पापो एवं बुड़ाइयो को हरने वाले है। इसी प्रकार  परमात्मने का अर्थ है सर्वोच्च आत्मा या परमात्मा। यहां भगवान कृष्ण को सर्वोच्च ईश्वर के रूप में प्रणाम किया जा रहा है।
  • प्रणत: क्लेशनाशाय – दोस्तों प्रणत का का अर्थ भगवन को झुककर या समर्पित होकर एवं क्लेशनाशाय का हमारे सरे दुःख या कष्टों को नाश करने वाला। दोस्तों इसमें भगवान कृष्ण को सभी कष्टों को दूर करने वाले के रूप में प्रणाम किया जा रहा है।
  • गोविंदाय नमो नमः – गोविंदाय” भगवान कृष्ण का एक और नाम है, जिसका अर्थ है गायों के रक्षक या पृथ्वी के स्वामी। नमो नमः का अर्थ है बार-बार नमन करना। यहां भगवान कृष्ण को बार-बार प्रणाम किया जा रहा है।

संपूर्ण अर्थ: यह मंत्र भगवान कृष्ण को समर्पित है, जिसमें उन्हें वासुदेव के पुत्र, सर्वोच्च आत्मा, सभी कष्टों को दूर करने वाले, और गोविंद (गायों के रक्षक या पृथ्वी के स्वामी) के रूप में वंदित किया गया है। इसका अर्थ है: हे कृष्ण, वासुदेव के पुत्र, सभी बुराइयों को हरने वाले, परमेश्वर, और गोविंद, मैं आपको बार-बार प्रणाम करता हूं।” यह भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जो भगवान कृष्ण की दिव्यता, कृपा और उनके सभी कष्ट निवारण स्वरूप को स्मरण कराता है, और इसके नियमित जप से भक्तों को आध्यात्मिक शांति, सुरक्षा, और मुक्ति प्राप्त होती है।

इस मंत्र को अपनाने के कुछ नियम 

दोस्तों भगवन हमसे कुछ परीक्षा जुरूर लेते है की वह मेरे बताये हुए नियम को मानते है या नहीं। दोस्तों  इस मंत्र का जाप करने के लिए हमें कुछ नियमो का पालन करना बहुत ही जरुरी है, हम अगर नियम के साथ इस मंत्र का जाप करेंगे तो हमें पूर्ण रूप से इसका लाभ मिलेगा। तो दोस्तों में आपको निचे कुछ Step बतऊँगा आप उनको Flow करके इस मंत्र का जाप कर सकते है।

  • शुद्धता और श्रद्धा – दोस्तों मंत्र का जाप करने से पहले आप सबसे पहले स्नान करके शुद्ध हो जाये फिर आप छाए तो एक आसन में बैठकर निरंतर इस मंत्र का जाप करे अगर आप चाहते है की इस मंत्र को 108 बार से जायदा करना तो आप तुलसी का माला लेके इस मंत्र का जाप कर सकते है जिससे आपको और भी लाभ होगा।

दोस्तों उसी प्रकार मंत्र का जाप करते टाइम हमें सिर्फ जाप पर ध्यान नहीं देना है हमारे अंदर श्री कृष्ण के प्रति प्रेम श्रद्धा का होना बहुत ही जरुरी है। दोस्तों आप छाए कितने भी नाम जाप कर ले लकिन भगवन के प्रति आपके अंदर श्रद्धा भाव नहीं आ रहा है तो आपको उस नाम का कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा तो सबसे पहले हमें अपने भगवन के प्रति प्रेम भाव का आना जरुरी है तभी हमें मंत्र जाप का पूर्ण लाभ मिलेगा।

  • सही समय – दोस्तों इस का सही समय पर करना बहुत ही जरुरी है। दोस्तों आप अगर सही समय जानना चाहते है तो सबसे सही समय सुबह 4 से 6 बजे के बिच में है। इस समय ब्रह्म मुहूर्त का सबसे Pick समय होता है। दोस्तों इस समय अगर आप मंत्र का जप करेनेग तो आपको सबसे जायदा लाफ प्राप्त होगा और आपको इस समय मंत्र का जप आनंद भी आएगा कयोकि इस समय आपको चारो तरफ शांत नजर आएगा इसलिए दोस्तों सुबह का समय मंत्र जप करने ला सबसे अच्छा समय मन जाता है।
  • नियमितता – दोस्तों इस मंत्र को नियमित रूप से करना बहुत ही जरुरी है। वैसे हम कोई भी माला का जप करते है तो हम उसे नियमित रूप से करने के लिए हम तुलसी के माला में करते है जैसा की आपको बता चूका हु। दोस्तों हम जब मंत्र का जप करते है तो हम नहीं पता होता की हम कितनी बार मंत्र का जप कर रहे है इसलिए हम तुलसी के माला में मंत्र का जाप करते है। हम एक Round में 108 माला जाप करते है इसी तरह आप छाए तो 16 बार 108 माला का जाप कर सकते है जिससे आपकी नियमितता बानी रहेगी और आप आनंद से माला का जाप कर पाएंगे।
  • भोग या प्रसाद – दोस्तों हमें मंत्र का जाप शुरू करने से पहले भगवन को भोग या प्रसाद चढ़ाना चाइये उसके बाद हमें उसे स्वयं ग्रहण करना या दूसरों में बाटना चाइये । उसके बाद मंत्र का जाप शुरू कर सकते है।

तो दोस्तों इसके अलावे और भी बहुत सरे नियम है लकिन में आपको उनमे से महतवपूर्ण नियमो के बारे बता दिया आप छाए इन सभी को पालन करके अपना मंत्र का जाप कर सकते है।

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इस मंत्र के जाप करने के फायदे 

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने मंत्र का अगर आप नियमित जाप करें, तो भगवान कृष्ण की असीम कृपा आप पर बरसेगी। इससे आपके मन को शांति मिलेगी, आत्मिक विकास होगा, और जीवन के हर मुश्किल रास्ते से मुक्ति मिलेगी। इस मंत्र से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो न केवल आपके जीवन में सुख-समृद्धि और भक्ति को बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाकर मोक्ष के मार्ग को आसान करता है।

निष्कर्ष :  तो दोस्तों कैसा लगा मेरा ये लेख में आपको इस मंत्र को Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane In Hindi  में पूर्ण रूप से बता दिया हु। आपको अगर किसी भी प्रकार के प्रसन्न हो तो आप मुझे Comment कर सकते है। और दोस्तों अगर आपको मेरा ये लेख अच्छा लगा हो तो मुझे आप Flow कर सकते है में इसी तरह के अच्छे अच्छे लेख के बारे में बताता रहता हु।

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