त्रिगुणात्मक माया क्या है

दोस्तों आपको पता है त्रिगुणात्मक माया क्या है दोस्तों हमारे जीवन में 3 तरह के माया का वास होता है उन्हें ही हम त्रिगुणात्मक माया कहते है। यह माया आजकल हमारे जीवन में प्राय सभी के अंदर मौजूद होता है जिसको हम मानव जाति इसे समझ नहीं पाते हैं । इस माया से बचने के लिए हमें कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जो मैं आपको नीचे स्टेप बाय स्टेप बता देता हूं ।

त्रिगुणात्मक माया क्या हैत्रिगुणात्मक माया क्या है – जाने कुछ बातें

दोस्तों हम अपने जीवन में कुछ गलत करते हैं और कुछ गलत कहते हैं और कुछ भी गलत करते हैं तो वह माया के तरफ चले जाते हैं और इन्हीं  माया को हम अनेक प्रकार से समझ सकते हैं । माया का तो वैसे हमें बहुत सारे नाम सुनने में आता है, लेकिन पूर्ण रूप से माया के तीन रूप होते हैं – तमोगुण रजोगुण और सतगुण माया को हम इन तीन नाम से अक्सर जाना करते हैं। इसमें हम तमगुण ( भगवान शिव ) रजगुण ( भगवान ब्रह्मा) और सतगुण ( भगवान विष्णु ) का प्रतिक मन गया है। हमें इन्हीं तीन माया के गुणों  के बारे में जानना है और मैं आपको इन्हीं तीन माया के बारे में विस्तार से बताऊंगा ।

  1. तमोगुण  : दोस्तों तमोगुण में व्यक्ति के अंदर एक प्रकार के द्वेष होता जैसे व्यक्ति के अंदर अत्यधिक क्रोध ,आलसी, और नकारात्मक भावनाएं जैसे अवगुण व्यक्ति के अंदर भड़े रहते है। इस गुण के प्रभाव से व्यक्ति बहुत ही निर्गुण हो जाता है जिससे उसके जीवन में बस कलेस ही कलेस होता रहता है चारो तरफ अशांति सी फैली रहती यही और वो फिर धीरे धीरे तमोगुण में पूर्ण रूप से प्रवेश कर जाता है। 
  2. रजोगुण : रजोगुण में व्यक्ति अत्यधिक दिखावे में रहता है भोग विलास जैसे कार्यो में रहते है इन सब चीज़ो की लालसा व्यक्ति के अंदर पाया है। 
  3. सतगुण : सतगुण व्यक्ति के लिए बहुत ही गुणकारी मन जाता है। इस गुण के व्यक्ति बहुत ही सरल भाव के होते है सात्विक चीज़ो का सेवन करता है , अच्छे विचारो का अध्ययन करता है। ऐसे व्यक्ति से भगवान परीक्षा लेते है उनके बहुत करीब होता है जिससे व्यक्ति धीरे धीरे धर्म के प्रति चला जाता है । इस तरह से व्यक्ति सतगुण में प्रवेश कर जाता है।

मोह माया से कैसे बचे

दोस्तों मोह माया से बचना नामुमकिन नहीं है। इससे बचने के लिए हमें कुछ चीजों का पालन करना जरूरी है । दोस्तों हमें माया से बचने के लिए कुछ कुछ चीजों को अपनाना चाहिए उन्हें हम आपको नीचे एक के बाद एक बता देता हूं। इसके अलावे में आपको कुछ मंत्रो का जाप करना भी बताया हु आप छाए तो उसे भी जेक देख सकते है।

  • सत्य को पहचानना : दोस्तों हम जिस जारो जगत के माया में रहते हैं यहां हमें अनेक प्रकार के सत्य असतय मोह माया जैसे चीजों का सामना करना पड़ता है। हमें इन्हीं में से सत्य को पहचानना जरूरी है। सत्य को पहचानने के लिए सबसे पहले हमें सत्य बोलना जरूरी है, लोगों को सत्य समझना जरूरी है, अपने अंदर अच्छे विचारों को उत्पन्न करना जरूरी है, लोगों से अच्छे विचारों के साथ बात करना जरूरी है । ऐसे और तरीके हैं जिससे हम सत्य को पहचान सकते हैं।
  • आध्यात्मिक ज्ञान के बारे में जानना : दोस्तों मोह माया से बचने के लिए हमें आध्यात्मिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है। अध्यात्म हमें एक अलग जीवन जीने का सौंदर्य बनता है। अध्यात्म जीवन से हमें अनेक प्रकार के अपरिचित चीजों का स्पष्टीकरण होता है .अध्यात्म जीवन साधारण जीवन से बहुत ही अलग होता है अध्यात्म से मनुष्य एक सात्विक व्यक्ति बनता चला जाता है हालांकि अध्यात्म से व्यक्ति संत बनने का समर्थ रखता है। आध्यात्मिक जीवन में आने के लिए हमें कुछ ज्ञान का होना जरूरी है हमें इन सब ज्ञान अक्सर इस समय किताबों में मिलता है। अध्यात्म को अच्छे से समझने के लिए हमें अनेक प्रकार के पुस्तक का अध्ययन करना अति आवश्यक है।
  • ध्यान और योग करना : दोस्तों आपको सुनकर हैरानी होगी की ध्यान और योग से व्यक्ति ऐसे शिखर पर चला जाता है जहां पर जाना हर एक व्यक्तियों के लिए संभव नहीं होता योग से व्यक्ति अनेक प्रकार के सिद्दिया का अध्ययन कर लेता है योग और ध्यान से मनुष्य अपने जीवन में सत्य को पहचान जाता है और उसे यह स्पष्ट हो जाता है कि इस मोह माया के जीवन में प्राय हर एक वस्तु में मोह छुपा होता है। योग और ध्यान से व्यक्ति स्पष्ट हो जाता है, कि इस जरो जगत में परमात्मा के बिना सब कुछ मोह से बंधा है।
  • ईश्वर को पाना : दोस्तों कुल मिलाकर यह बात निकलता है कि इस दुनिया में परमात्मा के बिना हर एक वस्तु या व्यक्ति में मोह का वास होता है एकमात्र परमात्मा है जो हमें इस जगत के मोह से छुटकारा पाने में मदद करता है। व्यक्ति अगर इस धरती में परमात्मा से संबंध बनाए रखना है, तो उसे किसी भी प्रकार के मोह से सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए इस दुनिया में परमात्मा को मरने से हमें सात्विक गुण प्राप्त होता है।

निष्कर्ष : दोस्तों मैं आपको यह स्पष्ट कर दिया कि त्रिगुणात्मक माया क्या है आशा करता हूं कि आप मेरे बताए हुए शब्द से यह समझ गए होंगे कि कैसे हमें जगत के मोह माया से बच के रहना चाहिए । दोस्तों अगर आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो तो इसे Flow कर सकते हैं मैं इसी तरह के नए-नए चीजों के बारे में आपके सामने लता रहूंगा।

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